श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
The wife of Shiva the goddess of speech, the goddess Kali we pray for you to perform benevolent acts
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
If one particular listens to Siddha Kunjika Strotam with total devotion, the person will definitely working experience positive modifications in his/her existence.
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे॥
अं कं चं टं तं sidh kunjika पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ
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